Menu
blogid : 20808 postid : 845194

केजरीवाल से सर्वप्रथम मेरे 5 प्रश्न लगभग 1 वर्ष 3 महीने पूर्व

Mind Almight
Mind Almight
  • 23 Posts
  • 3 Comments

कल से भाजपा केजरीवाल से प्रतिदिन 5 सवाल पूछ रही है जिससे केजरीवाल न सिर्फ बहुत अधिक परेशान हो गए हैं बल्कि उन्होने ज्योतिष भाखना भी शुरू कर दिया है। अपने डर और परेशानी को छिपाने के लिए उन्होने यहाँ तक बक डाला कि 15 फरवरी को शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं।
केजरीवाल से सबसे पहले सार्वजनिक तौर पर प्रश्न मेरे डॉ॰ राघवेंद्र कुमार ( DrRaghvendra Kumar) ने 21 अक्टूबर 2013 को पूछा था उनके फ़ेसबुक पेज, वैबसाइट पर जा कर। प्रश्नो का उत्तर देना तो बहुत दूर केजरीवाल न सिर्फ आग बबूला हो गए बल्कि उन्होने अपने इशारे पर मूर्ख आपियों से डॉ॰ राघवेंद्र कुमार न सिर्फ बहुत भला-बुरा कहलवाया बल्कि भद्दी-भद्दी गलियाँ भी बाकी गईं। उसके बाद उन बेहद मौलिक प्रश्नो को अपने पेज और वैबसाइट से डिलीट करते हुए उन्हें ब्लॉक भी कर दिया गया। वो पाँच प्रश्न जो अक्टूबर 2013 में केजरीवाल से पूछे गए थे इस प्रकार हैं ( उक्त तिथि में इन प्रश्नो को इस ब्लॉग http://neoself.blogspot.in/2013/10/blog-post_23.html पर भी देखा जा सकता है ) –
Wednesday, 23 October 2013
“आप” के श्री अरविन्द केजरीवाल से अनुरोध है कि वो कृपया डॉ. राघवेन्द्र कुमार ( https://facebook.com/Dr.Raghvendra.Kumar ) द्वारा पूछे गए पाँच (5 ) बेहद मौलिक एवं अतिमहत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर देने का कष्ट करें जिससे उनके “ईमानदारी” सन्दर्भ में जो भी संदेह जनता और विशेष जनता में है वो दूर हो सके। ये सभी प्रश्न श्री केजरीवाल जी के “आप” के पेज पर भी है जिसका लिंक है https://facebook.com/AamAadmiPar…/posts/424336560999443… इसके साथ साथ उनके वेबसाइट के “पोलखोल” पेज पर भी ये प्रश्न उपलब्ध हैं जिसका लिंक http://aamaadmiparty.org/page/PolKhol# है। वे सभी प्रश्न पुनः विस्तार पूर्वक नीचे दिए जा रहे हैं कृपया अवलोकन करें और श्री केजरीवाल जी पर दबाव बनाएं कि वो इनका उत्तर दें –
DrRaghvendra Kumar • 2 days ago
मैंने अभी कुछ दिन पहले अपने भूतपूर्व मित्र धानी नरेश जी के फेसबुक आईडी पर कुछ लोगों से बहस हो गई तो किसी के पास भी मेरे प्रश्न का उत्तर नहीं था उल्टे कुछ लोगों ने अपनी अवस्था का भी लिहाज न करते हुए अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया लेकिन मेरे प्रश्न का उत्तर नहीं दिया जो केवल एक ही था जिसका अवलोकन धानी नरेश जी के आईडी पर किया जा सकता है यदि उन्होने पोस्ट डिलीट न किया हो तो। खैर, मेरे कुछ प्रश्न श्री अरविंद केजरीवाल जी से यदि वो इनका उत्तर दे पाएँ तो थोड़ा और बेहतर होगा –
1॰ “आप”ने अपने सरकारी कार्यकाल के दौरान कितने भ्रष्टाचारियों या अपराधियों जो आपने कार्यक्षेत्र मे आते थे पकड़ कर जेल मे डाला ? आपके सेवाकाल के विपरीत अशोक खेमका जी, किरण बेदी जी, गोविंद राघो खैरनार जी, दुर्गा शक्ति नागपाल जी, विनोद राय जी, टी एन शेषन जी आदि के सेवाकाल अदम्य निर्भीकता वाले सेवाकाल हैं जिनका अपना ही इतिहास है और तो और बहुत से तो ईमानदारी के नाम पर अपनी जान तक गवां बैठे। आपका भी ऐसा कुछ हो तो कृपया बताएं।
2॰ गुजरात को छोड़ कर भारत मे सभी जगह सभी विभागों (जहां भी हो सकता है) मे रूटीन ट्रांसफर होता है लेकिन आप उस रूटीन ट्रांसफर से बचे रहे जैसा कि मुझे पता चला ? गुजरात मे एक अवधारणा के तहत ट्रान्सफर नहीं होते जिसे मोदी जी कई बार स्पष्ट कर चुके हैं तो क्या इस तरह की अवधारणा आपके विभाग मे भी थी ? यदि नहीं तो क्यों आपका ट्रांसफर नहीं होता था ?
3॰ आप दावा करते हैं कि भ्रष्टाचार समाप्त कर देंगे या बहुत कम कर देंगे इसके लिए आप जनलोकपाल का सहारा लेंगे ठीक है ये एक पक्ष है जनलोकपाल से मै सहमत हूँ होना भी चाहिए, लेकिन किसी भी तंत्र के संदर्भ मे उसके वैज्ञानिक तथ्यपरक होने की बहुत जरूरत होती है जिससे उसे सार्वभौमिकता के स्तर पर सफलतापूर्वक लागू किया जा सके तो क्या आपने अपराध विज्ञान, भ्रष्टाचार विज्ञान आदि जैसे विषयों का जनलोकपाल के ड्राफ्टिंग से पहले अध्ययन किया था ? यदि किया था उसके संबंध मे आपके किसी शोधपत्र का प्रकाशन कहीं भी हुआ ? यदि हुआ है कृपया लिंक उपलब्ध कराएं ! यदि नहीं तो तो फिर आप या किस तार्किक आधार पर दावा कर रहे हैं कि आप भ्रष्टाचार समाप्त या बहुत कम कर देंगे ? हो सकता है आपके जनलोकपाल के लागू होने के बाद भ्रष्टाचारी कोई नया रास्ता खोज ले और भ्रष्टाचार बहुत बढ़ जाए जो नियंत्रण से परे हो !
4॰ जब आपके पास सरकारी शक्तियाँ थीं तो आपने उनका उपयोग भ्रष्टाचार पर प्रहार करने मे नहीं किया जैसा कि मुझे पता चला है फिर इस संदर्भ मे आपके दावे पर विश्वास कैसे किया जाए? जैसा कि आपके टिकट वितरण मे ही आपके जनलोकपाल फ़ेल होते नजर आ रहे हैं, यदि 70 मे से 5 भी असफल होते हैं तो आपके असफलता का दर 7.14% है जो 1 करोड़ की जनसंख्या मे 714000 लोग स्वाभाविक रूप से भ्रष्ट रहेंगे ही जो बहुत बड़ी संख्या है ये इस मायने मे भी बहुत महत्वपूर्ण है कि भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति विस्तार करने की होती है एक बात, दूसरी बात ये कि “भ्रष्टाचार या अपराध की प्रवृत्ति” पर आपकी कोई अवधारणा नहीं दिखती यदि हो तो कृपया बताएं।
5॰ आप बार – बार ये दावा करते क्यों करते हैं कि आप आईआरएस की शानदार नौकरी छोडकर आए हैं? जबकि आपकी श्रीमती जी नौकरी कर रही हैं, यदि आप स्वयं को बहुत बड़ा त्यागी साबित करना चाहते हैं तो आप अपनी अपनी पत्नी से तलाक ले लें या फिर अपनी पत्नी से भी त्यागपत्र दिलवा कर “आप” ज्वाईन करवाएँ। क्या आपका ये दावा कुछ इस प्रकार का नहीं लगता कि महिसासुर, हिरणकश्यपु, आसाराम बापू आदि जैसे लोग जो खुद को ही भगवान या भगवान का अवतार मानने लगते हैं और लोगों से ये कहने लगते हैं कि सिर्फ वे ही भगवान हैं दूसरा कोई नहीं लिहाजा लोग उनकी ही पूजा करेंगे तो वो ही उनका उद्धार करेंगे जैसा कि आप ईमानदारी के संदर्भ मे कर रहे हैं ? जो संभवतः संविधान की दृष्टि मे अपराध न हो किन्तु जघन्य “पाप” जरूर माना जाता है !

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh